Monday, December 4, 2017

जॉर्जिया-के-130-फुट-ऊंचाई-पर्वत-पर-अकेला-रहता-है-यह-शख्स



Katskhi Pillar in Georgia | जॉर्जिया का 130 फुट ऊंचा कात्सखी पिलर सदियों
तक उजाड़ पड़ा रहा। अब वहां मैक्जिम नामक एक क्रिश्चियन मोंक अकेला रहता
है।


 यह 130 फुट ऊंचा, एकदम सीधा, खंभे जैसा पहाड़ है। इसके शिखर पर अकेले
रहने की कल्पना भी डरावनी लगती है। लेकिन 63 साल का एक व्यक्ति पिछले लगभग
25 साल से यहां रह रहा है। उसका मानना है कि इस खतरनाक दिखने वाले पहाड़ ही
चोटी पर रहते हुए वह ईश्वर के और करीब पहुंच गया है। वह एक क्रिश्चियन
मोंक है। उनका नाम है मैक्जिम काव्टारड्जे।


मैक्जिम 1993 से इस 130 फुट ऊंचे ‘कात्सखी पिलर’ पर रह रहे हैं। वे वहां
अकेले ही रहते हैं और सप्ताह में सिर्फ दो बार नीचे उतरते हैं।


नीचे उतरने के लिए 131 फुट की सीढ़ियां हैं। इसमें मैक्जिम को 20 मिनट
लगते हैं। बाकी समय मैक्जिम के फॉलोअर्स उन्हें जरूरत का सामान एक
चकरघिन्नी के जरिए पहुंचाते हैं।



खंभे की तरह दिखने वाले पहाड़ की चोटी पर एक छोटा-सा कॉटेज है। उसी में
एक प्रार्थना कक्ष है। कुछ प्रीस्ट्स और कुछ परेशान युवा वहां कभी-कभार आकर
प्रार्थना करते हैं।



मोंक बनने से पहले मैक्जिम क्रेन ऑपरेटर का काम करते थे। वे बताते हैं
कि युवावस्था में वे शराब और ड्रग्स के आदी थे। फिर इस चक्कर में एक बार
जेल जाने के बाद उन्होंने अपना जीवन बदलने का निर्णय लिया और मोंक ब




र्जिया में स्टीलाइटेस क्रिश्चियन संप्रदाय के लोग एेसे ऊंचे पहाड़ों के
शिखर पर रहा करते थे। उनका मानना था कि इससे वे सांसारिक प्रलोभनों से दूर
रहेंगे।




ऐसा 15वीं सदी तक चला, फिर जॉर्जिया में ओटोमन साम्राज्य कायम हो गया और क्रिश्चियंस की ऐसी गतिविधियां बंद हो गईं।



सदियों तक यह जगह उजाड़ पड़ी रही। स्थानीय लोगों को पर्वत चोटी पर खंडहर
तो नजर आते थे, लेकिन किसी ने वहां तक पहुंचने की कोशिश नहीं की।



सदियों बाद, 1944 में पर्वतारोही अलेक्जेंडर जैपराइज्ड के नेतृत्व में
एक ग्रुप यहां पहुंचा। उसे चर्च के खंडहर के साथ एक स्टीलाइट के अवशेष भी
मिले थे।



इसके बाद, 1990 के दशक में जॉर्जिया में कम्युनिस्ट सरकार के पतन के बाद
जब धार्मिक गतिविधियां फिर से बढ़ने लगीं, तो मैक्जिम ने यहां रहने का
निर्णय लिया।

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