प्रचीन मिस्र में मनुष की लाश को प्रिजर्व कर रखा जाता था उन लोगो की लाश को ममीज कहते है
जिनकी कब्रें आये दिन मिलती रह्ती है पर ये तो थी मिस्र की बात जो कई सदियो पहले का रिवाज था लेकीन पुर्तगाल की एक यूनिवर्सिटी में Diogo Alves नाम के व्यक्ति का सर पिछ्ले 176 साल से प्रिजर्व कर रखा गया है सवाल उठता है क्यो
आईये जनिते है diogo alves के बारे में
Diogo alvas का जन्म 1810 में स्पेन में हुआ था उसे काम की तलाश थी इसलिये वह पुर्तगाल की लिस्बन सिटी आया था काफी समय तक काम ना मिलने के कारण वह निराश हो गया
इस कारण उसने क्राइम की दुनियां मैं कदम रखा
शुरूआती दिनों में वह लूटपाट करने लगा वह अपना शिकार किसानों को बनाता था जो शाम के वख्त खेतो में काम करके घर को जा रहे होते थे
Diogo alvas किसानों को मारने भी लग गया था वह उन की लाशों को लिस्बन नदी में फेंक देता था ताकी लोग समझे आर्थिक तंगी के कारण किसान सुसाइड कर रहे है पर कुछ लाशो पर चाकू के निशान मिले इस से पुलिस को शक हुआ
और किसानों का मर्डर हो रहा है
जानिए देश की 10 सबसे डरावनी जगहों के बारे में
पुलिस से डर कर diogo ने लूटपाट छोड़ बंद कर दी और वह तीन साल तक छूप कर रहा और उसने
अब वह और बड़ी लूटपाट करना चाहता था उसे पता था कि ये काम उस अकेले के बस का नही है इसलये उसने कुछ लोगो का ग्रुप बनाया और जानलेवा हत्यार इकट्ठे किये ताकि वह पुलिस से भी लड़ सके| देखते ही देखते वह बहुत से जुर्म करता चला गया और अब वह पुर्तगाल का सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया
एक साल के अंदर डियोगो ने कई वारदातो को अंजाम दिया और पुलिस से बचता रहा वह लोगो को बड़ी बेहरमी से मरता था
1909 में Os Crimes de Diogo Alves नाम की एक फिल्म भी बनी थी, जो पुर्तगाल की हिट फिल्मों में से एक है।
अब पुलिस को डियोगो की गैंग के बारे में सब पता था पर वह उसकी लोकशन का पता नही लगा पा रहे थे क्योंकि वह जंगल में छूप कर रहता था।
जब डियोगो ने पुर्तगाल के डॉक्टर के घर लूटपाट की और उससे बड़ी बेहरमी से मार डाला तब पुलिस को उसकी लोक्शन का पता चला और पुलिस ने उसे पकड़ लिया| 1941 में उसे 70 से अधिक व्यक्तियों की क्रूर हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई।
डिओगो को जब फांसी दी गई, तब पुर्तगाल में फ्रेनोलॉजी (मस्तिष्क विज्ञान) एक पापुलर सब्जेक्ट था। फ्रेनोलॉजी यानी की मस्तिष्क की उन कोशिकाओं की जांच करना, जिनसे इंसान के व्यक्तित्व का पता लगाया जा सकता था। इसके लिए साइंटिस्ट को इंसानी सिरों की तलाश रहती थी। इसी के चलते पुर्तगाल के साइंटिस्ट ने कोर्ट से डिओगो का सिर लेने की अपील की।
उसने डियोगो के सिर को प्रिजर्व रख लिया | हालांकि साइंटिस्ट को वोह कोशिकाओं का पता नही चला जिससे डियोगो के व्यक्तित्व का पता चले| इसके चलते तब से लेकर आज तक डियोगो अलवास का सिर प्रिजर्व कर रखा गया है|
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जिनकी कब्रें आये दिन मिलती रह्ती है पर ये तो थी मिस्र की बात जो कई सदियो पहले का रिवाज था लेकीन पुर्तगाल की एक यूनिवर्सिटी में Diogo Alves नाम के व्यक्ति का सर पिछ्ले 176 साल से प्रिजर्व कर रखा गया है सवाल उठता है क्यो
आईये जनिते है diogo alves के बारे में
Diogo alvas का जन्म 1810 में स्पेन में हुआ था उसे काम की तलाश थी इसलिये वह पुर्तगाल की लिस्बन सिटी आया था काफी समय तक काम ना मिलने के कारण वह निराश हो गया
इस कारण उसने क्राइम की दुनियां मैं कदम रखा
शुरूआती दिनों में वह लूटपाट करने लगा वह अपना शिकार किसानों को बनाता था जो शाम के वख्त खेतो में काम करके घर को जा रहे होते थे
और किसानों का मर्डर हो रहा है
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पुलिस से डर कर diogo ने लूटपाट छोड़ बंद कर दी और वह तीन साल तक छूप कर रहा और उसने
अब वह और बड़ी लूटपाट करना चाहता था उसे पता था कि ये काम उस अकेले के बस का नही है इसलये उसने कुछ लोगो का ग्रुप बनाया और जानलेवा हत्यार इकट्ठे किये ताकि वह पुलिस से भी लड़ सके| देखते ही देखते वह बहुत से जुर्म करता चला गया और अब वह पुर्तगाल का सबसे बड़ा गैंगस्टर बन गया
एक साल के अंदर डियोगो ने कई वारदातो को अंजाम दिया और पुलिस से बचता रहा वह लोगो को बड़ी बेहरमी से मरता था
1909 में Os Crimes de Diogo Alves नाम की एक फिल्म भी बनी थी, जो पुर्तगाल की हिट फिल्मों में से एक है।
अब पुलिस को डियोगो की गैंग के बारे में सब पता था पर वह उसकी लोकशन का पता नही लगा पा रहे थे क्योंकि वह जंगल में छूप कर रहता था।
जब डियोगो ने पुर्तगाल के डॉक्टर के घर लूटपाट की और उससे बड़ी बेहरमी से मार डाला तब पुलिस को उसकी लोक्शन का पता चला और पुलिस ने उसे पकड़ लिया| 1941 में उसे 70 से अधिक व्यक्तियों की क्रूर हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई।
डिओगो को जब फांसी दी गई, तब पुर्तगाल में फ्रेनोलॉजी (मस्तिष्क विज्ञान) एक पापुलर सब्जेक्ट था। फ्रेनोलॉजी यानी की मस्तिष्क की उन कोशिकाओं की जांच करना, जिनसे इंसान के व्यक्तित्व का पता लगाया जा सकता था। इसके लिए साइंटिस्ट को इंसानी सिरों की तलाश रहती थी। इसी के चलते पुर्तगाल के साइंटिस्ट ने कोर्ट से डिओगो का सिर लेने की अपील की।
उसने डियोगो के सिर को प्रिजर्व रख लिया | हालांकि साइंटिस्ट को वोह कोशिकाओं का पता नही चला जिससे डियोगो के व्यक्तित्व का पता चले| इसके चलते तब से लेकर आज तक डियोगो अलवास का सिर प्रिजर्व कर रखा गया है|
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